
Dard
Lyrics
मैं दर्दों को पास बिठा कर ही सोऊँ
मैं दर्दों को पास बिठा कर ही सोऊँ
जो तुझे लगता बारिश है, वो मैं हूँ जो रोऊँ
जो तुझे लगता बारिश है, वो मैं हूँ जो रोऊँ
मैं दर्दों को पास बिठा कर ही सोऊँ
खुशियों से मिलना भूल गए
तुम इतना क्यूँ हमसे दूर गए
कोई किरण इक दिन आएगी
तुम तक हमको ले के जायेगी
मैं राह पे आँख बिछाके ही सोऊँ
मैं राह पे आँख बिछाके ही सोऊँ
जो तुझे लगता बारिश है, वो मैं हूँ जो रोऊँ
जो तुझे लगता बारिश है, वो मैं हूँ जो रोऊँ
मैं दर्दों को पास बिठा कर ही सोऊँ
पंख अगर होते, उड़ के चला मैं आता
रुकता न एक पल
क़ैद ये कैसी ख़ुदा, साँस भी रूठी है
सीने में आजकल
आजकल आजकल आजकल
आजकल आजकल आजकल
मैं दर्दों को पास बिठा कर ही सोऊँ
मैं दर्दों को पास बिठा कर ही सोऊँ
जो तुझे लगता बारिश है, वो मैं हूँ जो रोऊँ
जो तुझे लगता बारिश है, वो मैं हूँ जो रोऊँ
मैं दर्दों को पास बिठा कर ही सोऊँ
हम्म हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म
हम्म हम्म हम्म हम्म
Writer(s): LUKE STEELE, JOHN HILL, NICK LITTLEMORE, PETER MAYES, JONATHAN SLOAN
Copyright(s): Lyrics © CYPMP, Universal Music Publishing Group, Sony/ATV Music Publishing LLC
Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
Dard
Meanings
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